कृषि निर्यात सम्मेलन बिहार 2025
पटना, 20 मई 2025: बिहार सोमवार को देश के कृषि निर्यात मानचित्र पर प्रमुखता से उभरा जब पटना में अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (IBSM) 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, APEDA, TPCI और बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से आयोजित यह दो दिवसीय महत्वपूर्ण कार्यक्रम खाद्य निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, वैश्विक व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और बिहार की समृद्ध कृषि संभावनाओं को पूरी तरह विकसित करने का एक ठोस प्रयास है।
बिहार में कृषि निर्यात सम्मेलन बिहार 2025 केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने किया उद्घाटन, विश्व स्तरीय खरीदारों की मौजूदगी
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जिनके साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, उद्योग मंत्री श्री नितीश मिश्रा और विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर 20 देशों से आए 70 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने हिस्सा लिया, जिनमें छह प्रमुख वैश्विक रिटेल चेन शामिल थे। इसके अतिरिक्त, 50 घरेलू और 20 संस्थागत खरीदारों की भागीदारी ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
400+ बी2बी मीटिंग से बढ़ेगा निर्यात, चावल-मखाना-मसालों पर विशेष फोकस
सम्मेलन में 400 से अधिक विशेष रूप से आयोजित बी2बी मीटिंग से उच्च स्तरीय व्यापारिक सौदों की उम्मीद है। मुख्य रूप से चावल, मसाले, मखाना (फॉक्स नट्स) और विभिन्न फलों पर जोर दिया गया है। लुलु ग्रुप (UAE), सरताज (जापान), दातार एंड संस (UAE) और ग्लोबल फूड्स ट्रेडिंग (जर्मनी) जैसी प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने इन उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई है।
“ग्रामीण विकास का निर्णायक क्षण”: चिराग पासवान ने विकसित भारत 2047 में बिहार की भूमिका पर दिया जोर
अपने प्रेरणादायक संबोधन में मंत्री चिराग पासवान ने इस सम्मेलन को “ग्रामीण समृद्धि का निर्णायक क्षण” बताते हुए ‘विकसित भारत @2047’ की यात्रा में बिहार को एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “हमारा सपना है कि बिहार के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें। सरकार हर निवेशक को पूरा सहयोग देगी।”
PMFME योजना में अव्वल बिहार: 10,270 ऋण, 624.42 करोड़ रुपये मंजूर
मंत्री ने बिहार की प्राचीन विरासत और कृषि सामर्थ्य को रेखांकित करते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में अकेले बिहार में PMFME योजना के तहत 10,270 ऋण स्वीकृत किए गए, जिनकी कुल राशि 624.42 करोड़ रुपये है – यह आंकड़ा भारत के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। उन्होंने बिहार में स्थापित होने वाले NIFTEM संस्थान का भी उल्लेख किया, जिसे खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान का भविष्य का केंद्र बताया।
मखाना निर्यात बढ़ाने की रणनीति रिपोर्ट लॉन्च, बिहार का जीआई टैग उत्पाद बनेगा वैश्विक ब्रांड
सम्मेलन में “भारत के मखाना निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीतियां” नामक एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट का अनावरण किया गया, जो इस जीआई-टैग्ड उत्पाद में बिहार के वैश्विक नेतृत्व की पुष्टि करती है।
खाद्य प्रसंस्करण से दोगुनी होगी किसानों की आय: उपमुख्यमंत्री सिन्हा
बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को सर्वोत्तम मार्ग बताया, जबकि उद्योग मंत्री नितीश मिश्रा ने मुजफ्फरपुर मेगा फूड पार्क और बिहार की सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के माध्यम से त्वरित भूमि आवंटन प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। APEDA अध्यक्ष अभिषेक देव ने बताया कि ट्रेसनेट 2.0 जैसी पहल भारतीय उत्पादों की ट्रेसेबिलिटी और निर्यात तत्परता को बढ़ाएगी।
12 कंपनियों ने की दीर्घकालिक खरीद की प्रतिबद्धता, बिहार के निर्यात को मिलेगी गति
अब तक 12 कंपनियों ने चावल, दालें, मसाले, फल, सब्जियां और मखाना के लिए दीर्घकालिक खरीद समझौतों की पुष्टि की है, जो बिहार के निर्यात विकास की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
प्रदर्शनियां, तकनीकी सत्र और निवेश वार्ता से मिलेगा नया आयाम
IBSM 2025 में प्रदर्शनियां, तकनीकी सत्र और निवेश चर्चाएं भी शामिल हैं, जो साझेदारी को प्रोत्साहित करने और बिहार के खाद्य प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई हैं। यह सम्मेलन भारत की कृषि-निर्यात महत्वाकांक्षाओं में बिहार के बढ़ते योगदान के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।
अंत में, केंद्रीय मंत्री ने सभी हितधारकों को वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में आमंत्रित किया, जो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का प्रमुख वैश्विक आयोजन है और जो वैश्विक खाद्य बाजारों में भारत और बिहार की बढ़ती उपस्थिति को और अधिक उजागर करेगा।
बिहार की कृषि क्षमता अब देगी वैश्विक पहचान | IBSM 2025 बनेगा गेमचेंजर | मखाना से लेकर चावल तक, बिहार के उत्पाद पहुंचेंगे विदेशी बाजारों में