बिहार सरकार की भूमिव्यवस्था ने भूमि संबंधी कार्यों को पारदर्शी, सरल और डिजिटल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहले जहाँ जमीन से जुड़ी जानकारी, दाखिल-खारिज (Mutation), लगान भुगतान, आदि के लिए लोगों को कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब यह सभी कार्य बिहार भूमि पोर्टल पर ऑनलाइन किए जा सकते हैं। इससे न केवल समय की बचत हुई है, बल्कि भ्रष्टाचार में भी काफी हद तक कमी आई है, जिससे आम जनता को बहुत राहत मिली है।
बिहार सरकार की भू-अभिलेख डिजिटल पहलें
बिहार सरकार भूमि पोर्टल, एलआरसी बिहार, और भू-समाधान ऐप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अब नागरिकों को कई ज़रूरी सेवाएं ऑनलाइन मिल रही हैं। इन पोर्टलों के ज़रिए निम्नलिखित सुविधाएं प्राप्त की जा सकती हैं:
1. भू–रसीद (ऑनलाइन लगान भुगतान)
अब लोग अपनी जमीन का लगान ऑनलाइन जमा कर सकते हैं और भू-रसीद तुरंत डाउनलोड कर सकते हैं। इससे किसानों और जमीन मालिकों को राजस्व कार्यालय में लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
2. बिहार सरकार खेसरा नंबर और खाता विवरण ऑनलाइन देखें
कोई भी व्यक्ति अपने प्लॉट का खेसरा नंबर, खाता संख्या, भूमि स्वामी का नाम, और रकबा जैसी जानकारी बिहार भू–अभिलेख पोर्टल पर देख सकता है। यह सेवा पारदर्शिता को बढ़ावा देती है।
3. बिहार सरकार दाखिल-खारिज की स्थिति ऑनलाइन चेक करें
जब जमीन का स्वामित्व बदला जाता है तो Mutation (दाखिल–खारिज) जरूरी होता है। अब इसकी स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है, जिससे प्रक्रिया तेज और भरोसेमंद हो गई है।
4. बिहार सरकार बिहार भूमि नक्शा ऑनलाइन डाउनलोड करें
बिहार सरकार राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया ऑनलाइन भूमि नक्शा अब डिजिटल रूप में मौजूद है। कोई भी व्यक्ति अपने जमीन का नक्शा ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकता है।
प्रमुख पोर्टल और वेबसाइट
- Bihar Bhumi Portal – बिहार भूमि से जुड़ी सभी सेवाएं यहीं उपलब्ध हैं।
- LRC Bihar – भूमि अभिलेख, नक्शा, दाखिल–खारिज आदि के लिए एक विश्वसनीय पोर्टल है।
बिहार सरकार भूमि डिजिटल सेवा के लाभ
- पारदर्शिता में वृद्धि – सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होने से फर्जीवाड़े की संभावना कम होती है।
- भ्रष्टाचार में कमी – अब बिचौलियों की ज़रूरत नहीं, लोग खुद सेवाएं ले सकते हैं।
- समय और पैसा दोनों की बचत – कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं, सब कुछ घर बैठे ऑनलाइन संभव है।
- भूमि विवादों में कमी – स्पष्ट रिकॉर्ड के कारण झगड़ों की संभावना घट गई है।
निष्कर्ष
बिहार सरकार की भूमि डिजिटल सेवा आम लोगों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और गति आई है, बल्कि आम नागरिकों को भी तकनीकी रूप से सशक्त बनाया गया है। पहले जहाँ भूमि से संबंधित कार्यों के लिए लोगों को पटना या जिला कार्यालयों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अधिकांश कार्य पूरे किए जा सकते हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे बिहार भूमि पोर्टल, एलआरसी बिहार, और भू-समाधान ऐप ने न केवल भू-अभिलेखों को आसानी से सुलभ बना दिया है, बल्कि ऑनलाइन लगान भुगतान, खेसरा विवरण, दाखिल-खारिज की स्थिति और नक्शा डाउनलोड जैसी सुविधाएं भी आम जनता के लिए उपलब्ध कराई हैं।
यदि इन सेवाओं को आने वाले समय में और अधिक मोबाइल फ्रेंडली, तेज़ लोडिंग, स्थानीय भाषाओं में अनुवादित, और ऑफ़लाइन मोड में भी आंशिक रूप से कार्यशील बनाया जाए, तो यह विशेषकर ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों के लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इसके साथ ही यदि आम नागरिकों को डिजिटल साक्षरता संबंधी प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाए, तो वे इन पोर्टलों का और भी बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
कुल मिलाकर, यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन को ज़मीनी स्तर पर साकार करने की दिशा में बिहार सरकार का एक सराहनीय प्रयास है, जो भविष्य में राज्य के संपूर्ण भूमि प्रबंधन तंत्र को पारदर्शी, सुलभ और भ्रष्टाचार-मुक्त बना सकता है।